दो मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव और मां पार्वती का रूप कहा जाता है। इसके अलावा इसका स्वामी चंद्रमा ग्रह है। इस रुद्राक्षण को धारण करने वाले व्यक्ति की सभी समस्याएं खुद ईश्वर दूर करते हैं। वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण किया जाता है। दो मुखी रुद्राक्ष सीधे सीधे भगवान शिव और माँ पारवती का स्वरुप है | इसे अर्धनारीश्वर का स्वरुप भी कहा गया है | इस रुद्राक्ष को धारण करने से शिव और शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है | वैसे तो इस रुद्राक्ष की उत्पति नेपाल, इंडोनेशिया व् भारत में कई स्थानों पर होती है लेकिन नेपाल का दो मुखी रुद्राक्ष सबसे श्रेष्ठ माना गया है |
दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ –
- इसके धारक का क्षेत्र में सम्मान बढ़ता है, रूप, सौंदर्य अवं वाक्शक्ति की वृद्धि करता है |
- ज्योतिष के अनुसार कर्क राशी के जातकों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करना शुभ माना गया है |
- पति पत्नी के आपसी मतभेदों को कम करके ग्रहस्थ सुख की बढ़ोतरी करता है |
- शारीरिक बिमारियों में यह मोटापे और ह्रदय रोग को दूर करने में लाभकारी है |
- इसको धारण करने से दांपत्य जीवन सुखी रहता है |
- यह पहनने वाले के अन्तर्मन को ठीक करता है और सदैव पित्त को शांत रखता है |
- इसके धारण से भूत प्रेत की बाधा भी दूर होती है और सभी प्रकार की इच्छाएँ धीरे धीरे पूर्ण होने की ओर बढ़ने लगती हैं |
- दो मुखी रुद्राक्ष का धारक महाशिवपुराण के अनुसार ब्रह्म हत्या एवं गाए हत्या के पाप से भी मुक्त हो सकता है |
- दो मुखी रुद्राक्ष भगवान चन्द्र देव के अधिकार क्षेत्र में आता है |
- इसके धारण करने से मन में चन्द्रमा की चांदनी जैसी शीतलता प्रदान होती है मनुष्य ने जीवन में कई प्रकार के अगर पाप भी किए हों और अंतिम अवस्था में अगर दो मुखी रुद्राक्ष धारण किया हो तो जीवन में पापी होने के बावजूद मरणोपरांत स्वर्ग की प्राप्ति होती है इसलिए हर जन को अर्धनारीश्वर स्वरुप भगवान शिव और शक्ति के आशीर्वाद के रूप में नेपाली दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए |
- यदि आप क़र्ज़ से पीड़ित है और कर्ज बढ़ता ही जा रहा है तो ऐसे में दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करना आपके लिए जीवन में नई खुशियाँ ला सकता है | दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से क़र्ज़ से मुक्ति पाने के द्वार खुलने लगते है |
- यह ऊपरी बाधाओं को भी दूर करने में सक्षम माना गया है | भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियाँ दो मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से दूर होती है |
- जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत है उन्हे दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए |
- राहु के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए |
- यह पहनने वाले को समाज में मान-सम्मान दिलाता है |
- यह रुद्राक्षधारी के सौंदर्य में वृद्धि और उसकी वाकशक्ति को बढ़ाता है |
- यह दो मुखी रुद्राक्ष स्मृति हानि, हृदय की समस्याओं, श्वसन, यकृत और श्वास समस्या जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है |
- 2 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पारिवारिक सुख के लिए भी इस रुद्राक्ष को पहन सकते हैं |
- भूत-प्रेत से रक्षा एवं ब्रह्म हत्या और गऊ हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं |
- इससे पेट, गैस्ट्रिक या किडनी की समस्या वाले लोगों को भी फायदा होता है।
- प्राचीन हिंदू वैदिक ग्रंथों के अनुसार, एक 2 मुखी रुद्राक्ष नपुंसकता, एकाग्रता की कमी, गुर्दे की विफलता, तनाव, चिंता, अवसाद, नकारात्मक सोच, आंखों की समस्याओं को दूर करता है।
- मानसिक अराजकता, उन्माद, आंतों के विकार आदि जैसे विभिन्न रोगों के उपचार के लिए उल्लेखनीय रूप से काम करता है।
- यह किडनी और आंत से संबंधित बीमारियों को ठीक करता है।
- यह पहनने वाले की प्रजनन क्षमता और यौन स्वास्थ्य में सुधार करता है।
2 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि –
- इसे पेडेंट या ब्रेसलेट के रूप में पहना जा सकता है।
- 2 मुखी रुद्राक्ष को सोने एवं चाँदी के साथ पहनें अथवा इसे लाल धागे के साथ पहनें।
- आप इसे उस स्थान पर भी रख सकते हैं जहां आप पूजा करते हैं।
- रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व रुद्राक्ष को गंगा जल और कच्चा दूध से शुद्ध करें।
- इसे रविवार को सुबह स्नानादि और पूजा-अर्चना के बाद धारण करना चाहिए।
- इसके बाद रुद्राक्ष मंत्र ‘ॐ ह्रीं नम:’ का 108 बार जाप करें और धारण करे।
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