Description
Ashtagandha is a sanskrit word, ‘ashta’ means eight and ‘gandha’ means fragrance. It is a holy mixture of eight different items Like चन्दन (सफ़ेद या लाल चन्दन ) (White or Red Chandana), अगर (Agar), कपूर (kapoor or Camphor), कचूर (Kachoor), कुमकुम (रोली) (Kumkum), गोरोचन (Gorochan), जटामासी (Jatamasi), रक्तचंदन (Raktchandana)
Tantra Astro Pure Ashtagandha chandan powder is integral to all rituals and ceremonies in Hinduism. It is used to decorate the icons of deities and to mark the religious utensils with auspicious symbols. By applying this pure Ashtagandan powder to God, his blessings always remain with you. It also helps in driving out all negative energies. It is also used for Shuddhi Kalasham worshiped in temple and homes. Some Hindus wear Ashtagandha Chandan Tilak on forehead and this helps in ushering in good luck, peace and prosperity.
Mix some drops of Ganga water in this Ashtagandh Devotees apply it on their forehead to stimulate attention and focus as it helps in concentrating better during meditation. Moreover, when you apply this pure ashtagandha chandan powder on your third-eye, you block the negative energies from entering the body. Surround yourself with the fragrance and aura of your beloved God before your daily puja. Applying on Forheads, Prayer, Rituals, Bathing of Gods, Yantras, Rudraksh Beads, Shaligrams-Shilas, Malas- Rosaries, Deity Idols, Shanks, Abhishkum, Temples. Our product is made of 100% pure, natural and herbal ingredients to elevate your divine experience.
अष्टगंध के लाभ –
1. अष्टगंध चन्दन निम्नलिखित आठ पदार्थो से मिलकर बनता है।
- चन्दन (सफ़ेद या लाल चन्दन ) (White or Red Chandana)
- अगर (Agar)
- कपूर (kapoor or Camphor)
- कचूर (Kachoor)
- कुमकुम (रोली ) (Kumkum)
- गोरोचन (Gorochan)
- जटामासी (Jatamasi)
- रक्तचंदन (Raktchandana) यही आठ पदार्थ सभी ग्रहों को शांत कर देते हैं। इसके इस्तेमाल से ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं।
2. इसका घर में इस्तेमाल होते रहने से चमत्कारिक रूप से मानसिक शांति मिलती है। मन से तनाव हट जाता है।
3. अष्टगंध की सुगंध में श्री लक्ष्मी जी को रिझाने का विलक्षण गुण होता है।
4. अष्टगंध के प्रयोग घर का वास्तुदोष भी दूर हो जाता है।
5. तिलक के रूप में अष्टगंध का उपयोग करने से वशीकरण होता है और ग्रह दोष शांत हो जाते हैं। अष्टगंध का तिलक कनिष्ठा अंगुली से लगाएं।
6. तिलक के रूप में अष्टगंध का उपयोग करने से वशीकरण होता है और ग्रह दोष शांत हो जाते हैं।
7.अष्टगंध चन्दन मन से तनाव को दूर कर मानसिक शांति लाता है।
8.कर्मकांड एवं यंत्र, तंत्र और मन्त्र लेखन में अष्टगंध का प्रयोग होता है।
9. देवी देवताओं को शुद्ध अष्टगंध का तिलक लगाने एवं चढ़ाने मात्र से उनकी कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है।
Weight – 100 gram
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