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Specification :-

Stone Size: 8-10 Carat
Product: Natural Machh Mani
Colour: White
Origin : India
Metal : Pure Silver (Approx  40 Gram)

Delivery Details

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Free Shipping: All over India
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Free Energization: This Remedy is Free Energized by Tantra Astro Priest
SKU: TA02311010 Category:

Description

100% ओरिजनल अत्यंत दुर्लभ मणि मच्छमणि (मकरध्वज) –
➡️राहू ग्रह की पीड़ा को शांत करने के लिए या राहू की महादशा या अन्तर्दशा चल रही हैं, तो मच्छ मणि को धारण करना लाभदायक होता हैं।
➡️जो व्यक्ति राजनीति में पूर्ण रूप से सक्रिय है और सफल होने की इच्छा रखते है, उन्हें मच्छमणि जरुर धारण करना चाहिए।
➡️आप भी ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीने के सपने देखते है परन्तु धन की कमी के कारण सभी सपने साकार होने से पहले ही मुरझा जाते है तो मच्छमणि आपको अवश्य धारण करना चाहिए।
➡️यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है, कालसर्प दोष के कारण जीवन में आए दिन नई नई मुसीबतें आ रही है, मानसिक शारीरिक तथा आर्थिक कष्ट बढ़ रहे है तो मच्छमणि रत्न अवश्य धारण करना चाहिए,
➡️इस रत्न के प्रभाव से कालसर्प दोष के कारण उत्पन्न होने वाले कष्टों का निवारण बहुत जल्दी हो जाता है।
➡️इसे धारण करने वाला व्यक्ति सभी प्रकार के कामकाज तनाव से बाहर आकर एक खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।
➡️राहु ग्रह बाधा निवारण के लिए यह अचूक मणि है। हार गए है या थक गए है तो एक बार मणि को जरूर धारण करें, आपके लफ्ज न बदल जाये तो बताना।
➡️राहु कि महादशा/आंतर दशा चल रही हौं तो रात को एक कटोरे में मणि रख कर ऊस पर समुद्री नमक से भरें सुबह मणि को कच्चे दुध एवं गंगा जल से धो कर कलाई पर बांध लें।
➡️कुंडली मे राहु गृह जन्मपत्री मे राहु गृह गोचर या दशा मे पीड़ित होने पर व्यक्ति की मतिभ्रम, छल-कपट, झूठ बोलना, चोरी, तामसिक भोजन, ज्यादा नशा करना, षड्यंत्र, छिपे शत्रु, अनैतिक कर्म, आलस्य, नकारात्मक सोच व टोने टोटका, तंत्र मंत्र से पीड़ित होता है। ऐसे व्यक्ति को मच्छ मणि हाथो या गले मे मंत्र जाप कर धारण करनी चाहिए।
➡️काला जादू (ब्लैक मेजिक) जन्मपत्री में अशुभ योग, नजर दोष, व्यापार में रूकावट ईत्यादि के लिए रात को गंगा जल में रखे, सुबह को कच्चा दूध, शहद, घी और दही के मिश्रण में रखें, गंगाजल से धोकर हनुमानजी के चरणों का सिंदुर से मस्तिष्क पर तिलक करें एवं ऊ हनुमंते नम: का 108 बार मंत्र जाप करें एवं धारण करें।
➡️वास्तु दोष निवारण के लिए रात को कच्चे दूध में डुबो कर रखें,सुबह गंगा जल से धोकर शिवलिंग पर रखकर दुध एवं जल का अभिषेक करें, घर के मुख्य द्वार पर टांग दे।
➡️जब भी हमे या बच्चो को घर के किसी कमरे या कोने मे अनजान वस्तु / छाया का अहसास हो, तो वहां पर कांच के बर्तन मे दो मच्छ मणि पानी मे रखने से नरात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कुछ ही मिनटों मे हो जाएगा।
➡️किडनी रोग, पेट रोग, निराशा, राहु गृह के शुभ प्रभाव बढ़ाने के लिए, काल सर्प दोष, केमद्रुम दोष, ग्रहण दोष, गुरु चांडाल दोष, नकरात्मकता, जिद्दीपन, शरीर मे थकावट, नजर दोष, ऊपरी बाधा व व्यापार बंधन के लिए मच्छ मणि को साबुत नमक के पानी मे भिगो कर राहु मंत्र (ॐ रां राहवे नमः) से 108 बार अभिमंत्रित कर धारण करना चाहिए।
➡️मणि किसी भी जीव मे ऑक्सलेट, कैल्शियम आदि तत्वों क़ी प्रकिया से बनती है। जैसे सर्प के मस्तक मे सर्प मणि, हाथी के मस्तक मे गज मणि, इंसान के शरीर मे स्टोन व मछली के मस्तक मे मच्छ मणि। मच्छ मणि का प्रभाव कुछ ही सेकंडो मे औरा स्कैनर से मापा जाता है।
➡️मछली राहु गृह कारक व कुछ मछली के मस्तक मे मच्छ मणि होती है। जिसे वह अपने मरने से कुछ देर पहिले उगल देती है।
➡️मच्छमणि कोई साधारण रत्न नहीं है बल्कि यह बहुत ही दुर्लभ मणि है। इसे पहनने वाले व्यक्ति को जीवन के हर प्रकार के तनाव से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन खुशहाल बनता है।
➡️मच्छमणि एक दुर्लभ मणि है। राहू ग्रह की पीड़ा को शांत करने के लिए इस मणि से बेहतर और कोई मणि नहीं हैं। यह एक प्राचीन मणि होने के साथ-साथ बहुत ही दुर्लभ मणि हैं।
➡️यह धारणकर्ता को सभी प्रकार के तनावों से मुक्त कर एक सुखी जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा देता हैं। इसे धारण करने के बाद राहू ग्रह की पीड़ा शांत होती हैं। इस मणि के बारें में लोगों को अधिक जानकारी न होने के कारण यह अधिक प्रचलन में नहीं आ सका।
➡️कलयुग में व्यक्ति का जीवन भगादौडी वाला हो गया हैं, अच्छा जीवनयापन सभी चाहते हैं परन्तु हालात सभी के लिए एक जैसे नहीं रहते, जीवन में कई बार धन-संपत्ति, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में दिक्कते आती हैं, ऐसे में अपनी इच्छाओं की पूर्ति और उत्तम स्वास्थ्य के लिए तंत्रएस्ट्रो.कॉम आपके लिए लेकर आये हैं 100% ओरिजनल मच्छमणि। अगर जीवन से हताश या निराश हैं तो, इस मणि को जरुर धारण करें |
मच्छमणि सम्बंधित पौराणिक कथा –
रामायण में हनुमान जी के एक पुत्र मकरध्वज की कथा का वर्णन है। मकरध्वज एक मछली के गर्भ से पैदा हुआ था जो न केवल एक मछली थी बल्कि वह एक मां भी थी। इस मछली ने अपने बेटे मकरध्वज की रक्षा के लिए अपने सिर से पत्थर निकाला और उसे अपने पुत्र को सौंप दिया। मकरध्वज का जन्म राहु काल में हुआ था। मछलियों के सिर के पत्थर का उपयोग कलियुग में राहु के बुरे प्रभावों और लोगों को रोगों से बचाने के लिए किया जाता है।
रामायण का एक वृतांत है जब भगवान हनुमान ने लंका को जला दिया था और बाहर आ गए थे और समुद्र के ऊपर उड़ रहे थे, उस समय उनके शरीर का तापमान बहुत गर्म था। इस वजह से उनके शरीर से बहुत पसीना शुरू लगा। इस पसीने के पसीने की बूंद समुद्र में तैर रही एक मछली के मुंह गिर गई। पसीने की इस बूंद से मछली गर्भवती हो गई और उसने भगवान हनुमान जी के पुत्र मकरध्वज को जन्म दिया। इस मछली को अहिरावण ने पाताल लोक ले गया था और इसे काटने लगा। तब मकारध्वज नामक एक बंदर उस मछली के गर्भ से पैदा हुआ था। उसके हाथ में एक रत्न था। अहिरावण ने मकरध्वज से पूछा कि उसने एक मछली के गर्भ से कैसे जन्म लिया है और उनके हाथ में यह पत्थर क्या है।
तब मकरध्वज ने उसे बताया कि यह पत्थर मेरी मां के सिर से निकला है। अहिरावण को मछली को मारने का दुख हुआ और उन्होंने मकरध्वज को अपना मंत्री बना लिया। बाद में अहिरावण ने अपने भाई रावण के अनुरोध पर पाताल लोक में निडर के दौरान ही भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण का अपहरण कर लिया। जब हनुमान जी भगवान राम को मुक्त करने के लिए वहां पहुंचे तो उन्हें मकरध्वज से युद्ध करना पड़ा। मकरध्वज युद्ध हार गया और फिर उसने भगवान हनुमान जी को अपना परिचय दिया। हनुमान जी ने मकरध्वज को गले लगाया और फिर उसे रस्सी से बांध दिया।
हनुमान जी ने अहिरावण और उसके भाई महिरावण का वध किया और भगवान राम और लक्ष्मण को मुक्त किया। तब वह भगवान राम को मकरध्वज से मिलवाने लाए। भगवान राम ने मकरध्वज को आशीर्वाद दिया और उन्हें पाताल लोक का राजा बनाया और उन्हें बताया कि उनके पास जो पत्थर है वह दुर्लभ मछलियों के सिर से निकलेगा। जिस व्यक्ति के पास मच्छ मणि होता है वह खुशहाल जीवन बिताता है। यह राहु ग्रह बाधा निवारण के लिए अचूक रत्न है।
मच्छमणि की उत्पत्ति –
कहते हैं मच्छमणि श्रीलंका के समुद्र में बहुत गहरे पानी में रहने वाली मछली के पेट में बनती हैं। पूर्णिमा की रात्रि को यह मछली समुद्र के तट पर तैरती हैं, उस समय मछुआरे मछली को अपनी टोकरी में पकड़ते हैं और अपने अनुभव से उनकों यह ज्ञात होता हैं कि कौनसी मछली के पेट में मच्छमणि है, मछली के पेट को दबाते ही मछली मणि को बाहर निकाल देती हैं और फिर मछुआरे उस मछली को पानी में वापिस छोड़ देते हैं। इस प्रकार से बड़े ही कड़े परिश्रम के बाद इस मच्छमणि की प्राप्ति होती हैं।
Fact About Maccha Mani –
The Ramayana narrates the story of Makardhwaj, One of the sons of Hanuman, Makardhwaja was born from the womb of a fish which was not only a fish but she was also a mother. This fish took a stone from his head to protect his son Makardhwaja and handed it over to his son. Legend has it that Makardhwaja was born in the Rahu period. Fish head stones are used in Kali Yuga to protect people from ill effects of Rahu and diseases.
Mach Mani is not an ordinary gem but it is a very rare gem. The person wearing it gets relief from all kinds of stress in life and makes his life happy. Maccha Mani is a rare gem. There is no better gem than this gem to pacify the agony of Rahu planet. It is an ancient gem as well as a very rare gem. It inspires the holder to lead a happy life by freeing them from all kinds of stresses. After wearing it, the agony of Rahu planet subsides. Due to lack of knowledge about this gem, it could not become popular. In Kali Yuga, the life of a person has become destructive, everyone wants to live well but the circumstances do not remain the same for everyone, many times in life there are problems in wealth, property, honor, rank, education, health, etc. In such a way, for fulfillment of your desires and for good health, tantraastro. com brought you a Maccha Mani If you are desperate or frustrated with life, then definitely wear this gem.
The origin of Maccha Mani –
It is said that the mosquito is made in the stomach of fish living in very deep waters in Sri Lankan sea. On the full moon night, the fish swim on the coast, at that time the fishermen catch the fish in their baskets and from their own experience they know which fish is the mani in the stomach, the fish gem is pressed as soon as the fish is pressed. The fish is released and then the fishermen leave the fish back in the water. In this way, after a lot of hard work, this maccha mani is attained.
Benefits of Maccha Mani –
To pacify the agony of Rahu planet or if Mahadasha or Antardasha of Rahu is going on, wearing a tomato gem is beneficial.
A person who is fully active in politics and wishes to succeed, must wear a machemaani.
You also dream of living a life of happiness, but due to lack of funds, all dreams fade before realization, then you must wear a munch.
If there is a Kalsarp Dosh in the horoscope of a person, new troubles are coming in the life due to Kalsarp Dosh, mental, physical and financial troubles are increasing, then one must wear the Mosquito Gemstone, due to the effect of this gem due to Kalsarp Dosh The troubles arising are resolved very quickly.
Balmiki is an account of the Ramayana when Lord Hanuman burned Lanka and came out and was flying over the sea, at which time his body temperature was very hot. Because of this, his body started sweating a lot. A drop of sweat of this sweat fell into the mouth of a fish swimming in the sea.
The fish became pregnant with this drop of sweat and she gave birth to Makardhwaja, son of Lord Hanuman. This fish was taken by Ahiravan to Hades and started biting it. Then a monkey named Makardhwaj was born from the womb of that fish. He had a gem in his hand. Ahiravan asked Makardhwaja how he was born from the womb of a fish and what is this stone in his hand.
Then Makardhwaj told him that this stone came out of my mother’s head. Ahiravan had the grief to kill the fish and made Makardhwaj his minister. Later, Ahiravan kidnapped Lord Rama and his brother Lakshmana while fearless in Hades at the request of his brother Ravana. When Hanuman ji reached there to free Lord Rama, he had to fight with Makardhwaja. Makardhwaja lost the battle and then introduced himself to Lord Hanuman. Hanuman ji embraced Makardhwaja and then tied him with a rope.
Hanuman ji slaughtered Ahiravan and his brother Mahiravan and freed Lord Rama and Lakshmana. He then brought Lord Rama to introduce him to Makardhwaja. Lord Rama blessed Makardhwaja and made him king of the Hades and told him that the stone he possessed would come out of the heads of rare fishes. The person who has a munch gem leads a happy life. This Rahu planet is the perfect gem for obstacle prevention.

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