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Lapis Lazuli is a stone of protection that may be worn to guard against psychic attacks, Lapis Lazuli quickly releases stress, bringing deep peace. It brings harmony and deep inner self-knowledge. Encourages self-awareness, allows self-expression and reveals inner truth, providing qualities of honesty, compassion and morality to the personality. Stimulates objectivity, clarity and encourages creativity. Lapis Lazuli assists to confront and speak one’s truth and inspires confidence. It bonds relationships, aiding in expression of feelings and emotions.

Description

 

बहुत ही चमत्कारिक रत्न है लाजवर्त, फायदे जानकर चौंक जाएंगे :- (रत्न एक लाभ अनेक)

लाजवर्त अथवा राजवर्त शनि का रत्न है. इसे लैपिज लूजली के नाम से भी जाना जाता है, नीलम रत्न की तरह लाजवार्त भी नीले रंग का होता है। गाढ़े नीले रंग का लैपिस (लाजावर्त) ज्‍यादा अच्‍छा माना जाता है

लाजवर्त धारण करने के लाभ :-

✅ लाजावर्त मणि या पत्‍थर तीनों क्रूर ग्रहों (शनि, राहु और केतु) के दोषों और कुप्रभावों को भी खत्म करता है। व्यक्ति घटना, दुर्घटनाओं से बच जाता है। इससे सभी तरह का काला जादू और किया-कराया समाप्त हो जाता है। यह पितृदोष को भी समाप्त कर देती है।

✅ लाजवर्त धारण करने के बाद व्यक्ति पर राहु, शनि और केतु का दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है । शनि , राहु और केतु के प्रकोप से बचाता है और दुर्भागय को दूर कर के व्यक्ति को सफलता दिलाता है । व्यक्ति पर बुरी नजर, काला जादू , टोने – टोटके का प्रभाव नहीं होता है ।

✅ लाजावर्त को धारण करने से बल, बुद्धि एवं यश की वृद्धि होती ही है। इसे विधिवत रूप से मंगलवार या शनिवार के दिन धारण करने से भूत, प्रेत, पिशाच, दैत्य, सर्प आदि का भी भय नहीं रहता।

✅ इससे नौकरी या व्यवसाय में आ रही अड़चने भी दूर होती है। विद्यार्थियों के लिए यह अत्यंत लाभकारी है, आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करता है। इसको धारण करने से तनाव या अवसाद कम होता है और विद्यार्थी की शिक्षा में एकाग्रता भी बढ़ जाती है ।

✅ लाजवर्त को धारण करने के बाद व्यक्ति का दुर्घटना और एक्सीडेंट से बचाव रहता है ।

✅ यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आपको लाजवर्त धारण करने से लाभ अवश्य मिलेगा ।

✅ लाजवर्त शनि की पीड़ा से बचाव करता है साथ ही राहु के विपरीत प्रभाव से भी सुरक्षा प्रदान करता है.

✅ जो महिलाएं संगीत, नृत्य से जुड़ी हुई हैं लाजवर्त उनके लिए सफलता प्रदायक होता है.

✅ पुरूष जो इस रत्न धारण करते हैं उनमें सकारत्मक उर्जा का संचार होता है. व्यक्ति के मन में निराशात्मक विचार जन्म नहीं लेता हैं..

✅ लाजवर्त आंखो के लिए लाभदायक रत्न होता है. इसे धारण करने से नेत्र रोग में फायदा होता है.

✅ यह बुखार में भी असरकारी होता है. पेट सम्बन्धी कई प्रकार की बीमारियों में राजवर्त कारगर होता है.

✅ मानसिक शांति एवं पारिवारिक खुशियो कें लिए भी लाजवर्त उत्तम रत्न होता है.

✅ यह आत्मविश्वास और इच्छा शाक्ति बढ़ाने वाला होता है. वैवाहिक जीवन में पति पत्नी के बीच बढ़ती हुई दूरियों को कम करने में भी लाजवर्त श्रेष्ठ होता है. इसे धारण करने से इच्छाशक्ति भी बढ़ती है.

✅ यदि आपको शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो आप लाजवर्त धारण कर सकते है और लाभ प्राप्त कर सकते है ।

✅ यदि किसी व्यक्ति द्वारा घर पर या आप पर कुछ किया-कराया हुआ अनुभव होता हो या फिर घर में वास्तुदोष हो तो लाजवर्त को धारण करने से लाभ मिलता है ।

✅ यदि आपको केतु और राहु की महादशा या अन्तर्दशा चल रही है तो आप लाजवर्द धारण कर सकते है और लाभ प्राप्त कर सकते है ।

✅ लाजवर्त को धारण करने के बाद धीरे धीरे आपके व्यवसाय में तरक्की होती है | यदि व्यवसाय काला जादू या टोना – टोटका की वजह से मंदा चल रहा है तो आपको लाजवर्त धारण करने से लाभ अवश्य मिलेगा ।

✅ घर में बरकत नही होती है तो बरकत होने लगती है और मां लक्ष्मी का वास होता है |

✅ आपके शत्रु ज़्यादा है या आपका शत्रु आपको परेशान करता है या आप पर जादू टोना करवाता है तो आपका उसके किए हुए जादू टोना से बचाव करता है और आपके शत्रु को परास्त करता है | आपका शत्रु आपके सामने शक्तिहीन हो जाता है |

✅ इसे धारण करने से डिप्रेशन/तनाव दूर होता है ।और सेहत
अच्छी होती है ।

✅पढ़ाई में कमजोर बच्‍चों को इस रत्‍न को धारण करने से लाभ होता है। ये याद्दाश्‍त बढ़ाने में मदद करता है। आप बच्‍चों के स्‍टडी रूम में भी इस स्‍टोन को रख सकते हैं।

✅गले से संबंधित रोगों में भी लैपिस लजुली मुक्‍ति दिलाता है।

✅लाजवर्त यानि लैपिस लजुली को शनि का उपरत्‍न कहा जाता है इसलिए अगर आपकी कुंडली में शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो आप इस रत्‍न को पहन सकते हैं।

✅नौकरी या व्‍यापार में आ रही अड़चनों और पितृ दोष को भी इस रत्‍न से दूर किया जा सकता है।

✅डिप्रेशन और तनाव को दूर करने के लिए आप लाजवर्त धारण कर सकते हैं।

लाजावर्त धारण विधि :-

लाजावर्त को चांदी की अंगूठी में बनवा के सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में या ब्रासलेट, माला या पैंडेंट के रूप में किसी भी मंगलवार या शनिवार को धारण किया जाता है। तंत्रा एस्ट्रो की ओर से हमारे अनुभवी ज्योतिष आचार्य की देखरेख में यह रत्न विधिवत सिद्ध जागृत एवं अभिमंत्रित कर के दी जाती है  जिससे इस रत्न का प्रभाव कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है

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