एक मुखी रुद्राक्ष स्वयं भगवान शिव के समान है। रुद्राक्ष को “दिव्य मनका” के नाम से भी जाना जाता है। एक गोल एक मुखी रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ है और इसलिए “एक मुखी रुद्राक्ष” को आमतौर पर “आधा चंद्रमा आकार का एक मुखी रुद्राक्ष” और “चंद्र एक मुखी रुद्राक्ष” के रूप में भी जाना जाता है। इस एकमुखी रुद्राक्ष के प्रभाव में मनुष्य अपनी इंद्रियों को वश में कर ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है।
जिस घर में एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा की जाती है, उस स्थान पर देवी मललक्ष्मी का आशीर्वाद होता है। यह रुद्राक्ष सभी इच्छाओं को पूरा करता है और समृद्धि, भाग्य, भाग्य, सांसारिक सुखों के साथ-साथ अपने पहनने वाले को उद्धार भी लाता है। भगवान शिव स्वयं इस रुद्राक्ष को पहनने वाले से प्रसन्न होते हैं और उनके मार्ग की कोई भी बाधा दूर हो जाती है, जिससे वे एक समृद्ध और शक्तिशाली जीवन जी सकते हैं।
एक मुखी रुद्राक्ष के चमत्कारी लाभ –
- एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिक इच्छाएँ पूर्ण होती हैं, जीवन में समृद्धि आती है और मन को शांति मिलती है।
- जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है उसके आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि तथा व्यक्तित्व का विकास होता है।
- यह रुद्राक्ष करियर तथा व्यवसाय में सफलता दिलाने में सहायक होता है।
- इस एकमुखी रुद्राक्ष के प्रभाव में मनुष्य अपनी इंद्रियों को वश में कर ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है।
- इसे धारण करने से मनुष्य की उसके शत्रुओं से रक्षा होती है। धन प्राप्ति में भी एकमुखी रुद्राक्ष सहायक होता है।
- इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को आर्थिक लाभ और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
- यदि कोई व्यक्ति रक्त, हृदय, आँख और सिर आदि से संबंधित विकार से पीड़ित है तो उसके लिए यह रुद्राक्ष चमत्कारिक उपाय है।
- यह रुद्राक्ष बुरी आदतों (नशीले पदार्थ का सेवन आदि) को छुड़वाने में सहायक है।
- इस रुद्राक्ष की मदद से धारणकर्ता अपनी इंद्रियों को वश में कर ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है।
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए यह रुद्राक्ष बहुत फायदेमंद रहता है।
- एक मुखी रुद्राक्ष मनका दुनिया में सबसे दुर्लभ मोतियों में से एक है।
- एक मुखी रुद्राक्ष सभी प्रकार के मनोवैज्ञानिक विकार, मानसिक पीड़ा और अवसाद को ठीक करता है।
- एक मुखी मनका मानसिक और विक्षिप्त विकार को दूर करने में लाभदायक है।
- यदि कुंडली में सूर्य कमज़ोर हो अथवा अस्त तो एक मुखी रुद्राक्ष का धारण करना चाहिए।
- यदि किसी क्रूर ग्रह की दशा या अंतर्दशा चल रही है तो भी एक मुखी रुद्राक्ष को पहना जा सकता है। इसको धारण करने से सूर्य के नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं।
- एक मुखी रुद्राक्ष शक्ति, ऊर्जा, सत्य और मोक्ष का प्रबल स्रोत होता है। इस रुद्राक्ष का स्वामी सूर्य ग्रह होते है और भगवान शिव इसके स्वामी देव हैं।
- इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति स्वयं को भगवान शिव और पारलौकिक जीवन से जुड़ा हुआ पाता है।
एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि –
- एक मुखी रुद्राक्ष को सोने एवं चाँदी के साथ पहनें अथवा इसे लाल धागे के साथ पहनें।
- सोमवार, पूर्णिमा अथवा शिवरात्रि के दिन इस रुद्राक्ष को धारण करें।
- रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व रुद्राक्ष को गंगा जल और कच्चा दूध से शुद्ध करें।
- “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें और धारण करे
नोट – हमारे द्वारा उपलब्ध सभी प्रकार के रुद्राक्ष एवं तंत्र, ज्योतिषी सामग्री को हमारे अनुभवी विद्वान पंडित जी द्वारा अभिमंत्रित एवम् सिद्ध कर के आपके पास भेजा जाता है, जिससे आपको अति शीघ्र इसका पूर्ण लाभ मिल सके।
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