छ: मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय का स्वरुप माना गया है। 6 मुखी रुद्राक्ष को तीन देवियों सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती का स्वरूप माना गया है। यह पहनने वाले को असीम गुणों के साथ आशीर्वाद प्रदान करता है। ज्योतिष के प्रभाव अनुसार इस रुद्राक्ष को धारण करने से शुक्र मजबूत बनता है I शुक्र जनित दोषों को दूर करने में यह रुद्राक्ष बहुत प्रभावी सिद्ध होता है I
पुराण अनुसार 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से ब्रह्म हत्या जैसे भयंकर पाप से भी मुक्ति मिलती है I व्यापार लाभ, ऋद्धि-सिद्धि, लक्ष्मी, और कार्य पूर्ण आश्चर्यजनक सफलता प्राप्त करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह पहनने वाले के शरीर में क्रोध, ईर्ष्या, उत्तेजना को नियंत्रण में रखता है। यह रुद्राक्ष शरीर के पौष्टिक तत्वों को बढ़ाता है जिसके परिणामस्वरूप नई ब्रह्मांडीय शक्तियों (देवी शक्ति) का निर्माण होता है।
यह रुद्राक्ष पहनने वाले के लिए धन का अवसर खोलता है और हमेशा उसके साथ रहता है। यह हर सुख-सुविधा का प्रदाता है और बिजनेस को बढ़ाता है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को कभी भी धन की कमी नहीं रहती, कही न कही से उसे आकस्मिक धन प्राप्ति होती ही रहती है I
6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ –
- विद्यार्थी के लिए छहः मुखी रुद्राक्ष को धारण करना श्रेष्ठ माना गया है , इससे उनकी बुद्धि का विकास होता है व हर परीक्षा में सफलता प्राप्त होती है I
- यह पहनने वाले के आकर्षण को बढ़ाता है I
- देवी लक्ष्मी छह मुखी रुद्राक्ष में निवास करती हैं, इसलिए धन और समृद्धि प्रदान करती हैं।
- राशिनुसार तुला और वृषभ राशि के जातकों के लिए यह रुद्राक्ष शुभ माना जाता है।
- बच्चे के गले में छः मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करवाना चाहिए, इसके धारण से बच्चा वीर तथा रोग मुक्त होता है।
- यह महिलाओं को हिस्टीरिया और अन्य मानसिक बीमारियों जैसे रोगों में मदद करता है।
- यह मिर्गी और सभी महिलाओं से संबंधित समस्याओं के इलाज में फायदेमंद है।
- यह शुक्र ग्रह के लिए सबसे अच्छा उपाय में से एक है।
- यह कानूनी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है I
- अगर आपके जीवन में प्रेम की कमी है तो आपको छह मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए।
- तीव्र बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जाना चाहिए I
- छहः मुखी रुद्राक्ष पहनने से जीवन से हर प्रकार की दरिद्रता दूर होती है I
- यह व्यक्ति के वक्तव्य कौशल को बढ़ाता है और कलात्मक गुणों को बढ़ाता है I
- यह यौन समस्याओं के इलाज में मदद करता है I
- 6 मुखी रुद्राक्ष मिर्गी, स्त्री रोग संबंधी समस्याओं, गले, गर्दन, किडनी, यौन अंगों, थायराइड, प्रदर, कामुकता, ड्रॉप्सी, मूत्र. आंखों के रोगों, गर्भनिरोधक समस्या, अपच, हिस्टीरिया, मूर्च्छा संबंधित समस्या में बहुत प्रभावी है।
6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि –
- इसे पेडेंट या ब्रेसलेट के रूप में पहना जा सकता है।
- 6 मुखी रुद्राक्ष को सोने एवं चाँदी के साथ पहनें अथवा इसे लाल धागे के साथ पहनें।
- आप इसे उस स्थान पर भी रख सकते हैं जहां आप पूजा करते हैं।
- रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व रुद्राक्ष को गंगा जल और कच्चा दूध से शुद्ध करें।
- इसे मंगलवार को सुबह स्नानादि और पूजा-अर्चना के बाद धारण करना चाहिए।
- इसके बाद रुद्राक्ष मंत्र “ओम ह्रीं हं नम:” का 108 बार जाप करें और धारण करे।
नोट – हमारे द्वारा उपलब्ध सभी प्रकार के रुद्राक्ष एवं तंत्र, ज्योतिषी सामग्री को हमारे अनुभवी विद्वान पंडित जी द्वारा अभिमंत्रित एवम् सिद्ध कर के आपके पास भेजा जाता है, जिससे आपको अति शीघ्र इसका पूर्ण लाभ मिल सके।